Facts About hanuman chalisa Revealed
Facts About hanuman chalisa Revealed
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भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं।
Having said that, as soon as Hanuman was flying previously mentioned the seas to head to Lanka, a drop of his sweat fell from the mouth of a crocodile, which ultimately turned into a infant. The monkey infant was sent with the crocodile, who was shortly retrieved by Ahiravana, and elevated by him, named Makardhwaja, and created the guard of your gates of Patala, the previous's kingdom.
सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को पावै ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥ जो सत बार पाठ कर कोई ।
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
Innovative: Hanuman is referred to as someone who frequently faces very hard odds, exactly where the adversary or conditions threaten his mission with sure defeat and his really existence. Yet he finds an impressive way to show the chances. For example, just after he finds Sita, provides Rama's message, and persuades her that he's in truth Rama's correct messenger, He's identified because of the prison guards.
अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥ राम रसायन तुह्मरे पासा ।
◉ श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, हनुमान hanuman chalisa जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला चालीसा है.
क्या सच में हनुमान चालीसा नहीं पढ़नी चाहिए?
व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।
सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे ।
भावार्थ– जो व्यक्ति इस हनुमान चालीसा का पाठ करेगा उसे निश्चित रूप से सिद्धियों [लौकिक एवं पारलौकिक] की प्राप्ति होगी, भगवान शंकर इसके स्वयं साक्षी हैं।
“He whoever recites this 100 moments, his chains of Bondage will be cut, Excellent contentment will probably be his.”
भावार्थ– आपने अत्यन्त लघु रूप धारण कर के माता सीता जी को दिखाया और अत्यन्त विकराल रूप धारण कर लंका नगरी को जलाया।